By dad:
विशाल भारद्वाज की फिल्म इश्क़िया का गाना "दिल तो बच्चा है जी, थोडा कच्चा है जी" A से मिला है. रात के ग्यारह बजे हैं. pendrive लगाकर सुन रहा हूँ. एक बार हुआ, दो बार हुआ, तीन बार...बहोत पसंद आया...
...विशाल की बात न्यारी है. आजकल कोई भी tragedy फिल्में बनाने की हिम्मत नहीं करता. उसमें वो हिम्मत है और ज़िन्दगी का ग़म-ओ-दर्द भी. गहराई है. महाभारत की grand, magnificent tragedy की तरह जीवन की विशाल गहराई और तरंगें दिखानेवाला. विशाल खालीपन, रीतापन, शून्य का एहसास! नियति के सामने विवशता.
गीत सुनसुनकर लिख लिया...
...विशाल की सब फिल्में दुबारा देखनी हैं.
9 comments:
i liked the film too
btw happy republic day
bm
:-) so true!
http://rathchakra.wordpress.com/2010/12/24/best-of-2010-for-the-ears/
Anon: yeah, loved the movie too!
Rathchakra: Stop promoting your blog :P
i won't :p :p :p
My blog wont give u much traffic! Go suck up to others...
missing the point is your USP!
Having no point is yours.
whatevvaaa!
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